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    कोरोना इफेक्ट: लखनऊ के घंटाघर में सीएए विरोधी धरना स्थगित, दुपट्टा छोड़कर गईं महिलाएं

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में घंटाघर पर चला रहा सीएए-एनसीआर विरोधी धरना फिलहाल खत्म हो गया है। PTI File

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में घंटाघर पर चला रहा सीएए-एनआरसी विरोधी धरना स्थगित हो गया है। इस धरने में शामिल महिलाओं ने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते वे इस धरने को अस्थायी तौर पर स्थगित कर रही हैं। महिलाओं ने प्रशासन को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि वे धरनास्थल पर अपना दुपट्टा और मंच को छोड़कर जा रही हैं। उन्होंने प्रशासन से कहा है कि उनके द्वारा धरनास्थल पर छोड़ी गई चीजों को वैसे ही रहने दिया जाए और इसे सांकेतिक धरना माना जाए।

    हालात ठीक होने पर फिर बैठेंगी महिलाएं

    महिलाओं ने अपनी चिट्ठी में साफ लिखा है कि जब कोरोना वायरस से जुड़ा सरकारी आदेश समाप्त हो जाएगा, वे वापस घंटाघर पर स्थित धरनास्थल पर बैठ जाएंगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 15 जिलों में लॉकडाउन करने की घोषणा की है। योगी ने जारी बयान में कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ समेत बनारस, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, बरेली, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, सहारनपुर, लखीमपुर, आजमगढ़ और मुरादाबाद जिले 25 मार्च, 2020 तक के लिए लॉकडाउन कर दिए गए है।

    प्रदेश में 2000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के जांच और उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था कर रही है। इस समय प्रदेश में 2000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड हैं। आने वाले 2 दिनों के अंदर यह संख्या 10 हजार से ज्यादा होगी। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या प्रदेश में 27 थी। जिनमें से 11 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। शेष सभी लोगों में तेजी से सुधार हो रहा है। कोरोना पर जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।



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