वास्तु टिप्स: महाअष्टमी के दिन इन दिशाओं में करें कुमारिका भोजन के पांच हिस्से
आज महाअष्टमी के दिन वास्तु शास्त्र में हम बात करेंगे कुमारिका भोजन की। निर्णयसिंधु और दुर्गार्चन पद्धति में कुमारिका भोजन का विधान बताया गया है । कुमारी भोजन के पांच हिस्से हैं- पहला आयी हुयी कन्याओं के हाथ-पैर धुलाना, फिर उनके मस्तक पर टीका लगाना, उनका नीराजन करना, उन्हें भोजन कराना, उन्हें दक्षिणा देना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार इन सब कार्यों के लिये एक उचित दिशा निर्धारित है, जिसके अनुसार पूर्व दिशा की ओर मुख करके कन्याओं को अर्घ्य और पाद्य देना चाहिए, दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके नीराजन करना चाहिए, उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके टीका लगाना चाहिए, सम्मुख होकर उन्हें भोजन देना चाहिए, उर्ध्व मुख, यानि ऊपर की ओर देखकर दक्षिणा देनी चाहिए और अधोमुख होकर, यानि पृथ्वी की ओर देखते हुए उनका आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए । इस तरह उचित दिशा के अनुसार सारे कार्य करने से वास्तु के शुभ फल प्राप्त होते हैं और कन्याएं आनन्द से भोजन ग्रहण करती हैं । साथ ही देवी मां की कृपा बनी रहती है और घर में भी सब तरफ आनन्द होता है।
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