ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी का निधन, पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
नई दिल्ली। आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर राजयोगिनी दादी जानकी का 104 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया है। उन्होंने माउंट आबू के ग्लोबल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दादी जानकी का अंतिम संस्कार दोपहर 3.30 बजे ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन में किया जाएगा।
Dear friends,
— Dadi Janki (@DadiJanki) March 26, 2020
With loving thoughts, we wish to inform you that our beloved Dadi Janki, Spiritual Head of the Brahma Kumaris, passed on from this physical life, at 2am, India time on Friday 27th March. pic.twitter.com/fag6ZyRCub
दादी जानकी देवी के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया, 'प्रिय मित्रों, प्यार भरे विचारों के साथ, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमारी प्रिय दादी जानकी, ब्रह्म कुमारी की आध्यात्मिक प्रमुख का 27 मार्च को प्रात: दो बजे निधन हो गया है।'
Rajyogini Dadi Janki Ji, Chief of the Brahma Kumaris, served society with diligence. She toiled to bring a positive difference in the lives of others. Her efforts towards empowering women were noteworthy. My thoughts are with her countless followers in this sad hour. Om Shanti. pic.twitter.com/nCUwyh58f8
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
राजयोगिनी दादी जानकी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने अपने ट्विट में कहा है कि 'ब्रह्म कुमारियों के प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी जी ने परिश्रम के साथ समाज की सेवा की। वह दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए सबसे ऊपर थी। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। इस दुख की घड़ी में मेरे विचार उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ हैं। ओम शांति।'
दुनियाभर में दादी के नाम से मशहूर राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म आजादी के पहले भारत के हैदराबाद सिंध प्रांत में 1 जनवरी 1916 को हुआ था जो अब पाकिस्तान में चला गया है। दादी जानकी ने 21 साल की उम्र में ही आध्यात्मिक पथ पर चलने का निर्णय ले लिया था। बता दें कि साल 1970 में उन्होंने भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्यों और राजयोग का संदेश देने के लिए पश्चिमी देशों का रुख किया था। उन्होंने विश्व के 140 देशों में ब्रह्माकुमारी केंद्रों की स्थापना की। इस दौरान उन्होंने लाखों लोगों के अंदर आध्यात्मिक चिंतन की इच्छा और मानव संस्कार के बीज बोए। बता दें कि राजयोगिनी दादी जानकी को मोस्ट स्टेबल माइंड इन वर्ल्ड का खिताब भी मिला था।
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