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    Exclusive: चश्मदीद ने इंडिया टीवी पर बताया अंकित शर्मा हत्याकांड सच, ताहिर को लेकर किया बड़ा खुलासा

    Ankit Sharma Murder Case

    उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले सप्ताह हुई हिंसा की आग बुझ गई है, आम जनजीवन दोबारा पटरी पर आने की कोशिश कर रहा है। इस बीच कई सुलगते सवाल हिंसा के ढेर से सच की तलाश कर रहे हैं। इन्हीं में से एक सुलगता सवाल आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से भी जुड़ा है। दिल्ली दंगों के दौरान चांदबाग इलाके में अंकित की हत्या कर दी गई थी। बाद में अंकित की लाश नाले से बरामद हुई थी। पोस्टमार्टम में साबित हुआ था कि अंकित की हत्या से पहले उसे चाकुओं से कई बार गोदा गया था। इस मामले में इंडिया टीवी ने अंकित की हत्या के चश्मदीद और ताहिर हुसैन के पड़ौसी प्रदीप वर्मा से बातचीत की। प्रदीप वर्मा ने इस मामले की आंखों देखी इंडिया टीवी के कैमरे पर बयां की। 

    इंडिया टीवी: आपने 24 फरवरी को क्या देखा?

    प्रदीप वर्मा : 24 को दोनों ओर से पत्थर फेंके जा रहे थे। अंकित शर्मा बाहर निकले और पथराव रोकने की मांग की। इस बीच जब अंकित ताहिर हुसैन के घर के पास पहुंचे तो  दूसरी ओर से भीड़ आई और अंकित को मारना शुरू कर दिया। पब्लिक ताहिर हुसैन के घर की ओर अंकित को ले गई। इसके बाद अंकित का कुछ पता नहीं चला। बाद में उसकी लाश नाले से मिली। मेरी पार्किंग का शटर तोड़कर भीड़ अंदर घुसी। गाड़ियों में आग लगाई, मुझ पर पेट्रोल छिड़कने की कोशिश की। मेरे हाथ पैर में चोट है मुझ पर रॉड और चाकुओं से हमला किया गया। मुझे जिंदा जलाने की कोशिश की गई। 

    इंडिया टीवी: अंकित जिउस वक्त लोगों को समझाने जा रहे थे उस वक्त आप कहां थे? 

    प्रदीप वर्मा : मैं ताहिर हुसैन के घर के बगल में अपनी पार्किंग के सामने था, जब गाड़ियों में आग लगाई जा रही थी उस वक्त ताहिर अपनी छत से झांक रहे थे। लोगों को बता रहे थे कि कैसे पत्थर फेंको, वहां सभी उनके ही आदमी थे। भीड़ ने अंकित को पकड़ते ही उन्हें मारना शुरू कर दिया था।

    इंडिया टीवी: भीड़ अंकित को पकड़कर कहां ले गई? 

    प्रदीप वर्मा: भीड़ ने अचानक अंकित को मारना शुरू कर दिया। भीड़ अंकित को पकड़ कर ताहिर हुसैन के घर ले गई, फिर मैंने अंकित को नहीं देखा। मेरे अलावा भी बहुत से लोगों ने यह हादसा अपनी आंखों से देखा है। फिर भी न जाने क्यों वे सामने नहीं आ रहे हैं। मुझे तो भीड़ ने मारा भी है और मैंने देखा भी है कि भीड़ अंकित को ताहिर के घर के भीतर खींच कर ले जा रही है।

    इंडिया टीवी : क्या अंकित शर्मा से कोई दुश्मनी थी?

    प्रदीप वर्मा : मैं यहां 25 से 30 साल से रह रहा हूं। अंकित शर्मा बहुत लंबे समय से जानता हूं। वो सिर्फ अपने काम से काम रखता था।

    इंडिया टीवी : क्या अंकित के अलावा और लड़के टार्गेट किए गए?

    प्रदीप वर्मा : अंकित के अलावा दो लड़के और थे। एक तो छूट कर भाग गया था। बाकी अभी दूसरे का नहीं पता है। 

    इंडिया टीवी : ताहिर क्या कर रहा था? 

    प्रदीप वर्मा : ताहिर अपने घर में ही था। घर से पिस्टल से फायर हो रहे थे। पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे।



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