कोविड-19: विदेशी मौलवियों को रखने को राजी नहीं रांची जेल, खेल गांव में बनाया गया अस्थाई कारागार
रांची। रांची में बिरसा मुंडा कारागार के अधिकारियों ने पर्यटक वीजा पर भारत पहुंचे विभिन्न देशों के तब्लीगी जमात के मौलवियों को एक माह के पृथक-वास के बाद भी अपने यहां यह कह कर रखने से इनकार कर दिया है कि कहीं उनके चलते अन्य कैदियों में भी कोरोना संक्रमण न फैल जाये जिसके बाद अधिकारियों को खेल गांव स्थित पृथक-वास केंद्र में ही उनके लिए कैंप कारागार बनाना पड़ा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पर्यटक वीजा पर भारत में आकर धर्म प्रचार करने और लॉकडाउन उल्लंघन के आरोपी 17 विदेशियों सहित 18 आरोपियों के लिए खेलगांव स्थित पृथक-वास केंद्र अब कैंप कारागार बन गया है। रांची जिला प्रशासन और जेल प्रशासन की सुरक्षा में 16 विदेशी मौलाना और एक उन्हें यहां छिपाने वाले शख्स को खेलगांव पृथक-वास केंद्र में ही रखा गया है। जबकि वेस्ट इंडीज के रहने वाले एक नागरिक कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद अब भी रिम्स के कोविड-19 वार्ड में भर्ती है। इन सभी को विभिन्न अपराधों के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश स्थानीय अदालत ने दिया था।
रांची पुलिस ने स्थानीय अदालत के न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश के बाद सभी विदेशियों को कारागार में रखने के लिए भेजा था। लेकिन संक्रमण फैलने की आशंका और बिरसा मुंडा कारागार ने विधि व्यवस्था बिगड़ने की बात कह सभी को लौटा दिया था। इसके बाद उन्हें पृथक-वास केंद्र में ही कड़ी सुरक्षा के बीच अस्थाई कैंप कारागार में रखा गया है। कारागार के अधिकारियों ने रांची पुलिस से कहा है कि पूरी तरह से मेडिकली फिट घोषित करने के बाद विदेशियों को जेल में रखा जा सकता है।
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