हाथ में थूक लेकर रेलिंग और दीवारों पर चिपका रहे हैं तबलीगी जमात के कोरोना मरीज: डॉ. आरती लालचंदानी
नोएडा। उत्तर प्रदेश के कानपुर में तबलीगी जमात के कोरोना मरीजों का इलाज कर रहीं गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी ने बड़ा आरोप लगाया है। इंडिया टीवी से बात करते हुए डॉ. आरती लालचंदानी ने कहा है कि उनके अस्पताल में इलाज ले रहे तबलीगी जमात के कोरोना मरीज इलाज में जरा भी सहयोग नहीं कर रहे हैं और अपने हाथों में थूक लेकर वार्ड की रेलिंग, दीवारों और सीढ़ियों पर चिपका रहे हैं।
कानपुर के जीएसवीएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने इंडिया टीवी को बताया कि ये जमाती न तो दवाइयां खा रहे हैं और तरह-तरह की नई-नई डिमांड कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जमाती मेडिकल कॉलेज की सीढ़ियों पर थूक लगाने के साथ फर्श पर थूक रहे हैं। जमातियों की बदसलूकी की वजह से महिला स्टॉफ को हटाना पड़ा है। डॉ. लालचंदानी ने बताया कि अभी तक जमातियों ने कोई भी दवा नहीं ली है। उन्होंने बताया कि जमातियों की बदसलूकी बढ़ती देख पुलिस इंस्पेक्टर खुद PPT किट पहनकर अंदर वार्ड में गए इन लोगों को रोकने के लिए लेकिन उसके बाद भी ये लोग किसी डॉक्टर या स्टाफ की कोई बात नहीं मान रहे हैं।
डॉ. आरती लालचंदानी ने बताया कि हमारी पूरी टीम जी जान से जमातियों की सेवा में लगी हुई है, प्रसाशन ने हमारे लिए टाइट सिक्योरिटी दी हुई है, इंस्पेक्टर को खुद सेफ्टी किट पहनकर अंदर जाना पड़ा इन लोगों को कंट्रोल करने क लिए, ये लोग जगह-जगह थूक रहे हैं, जिससे बहुत परेशानी हो सकती है, यह खतरनाक स्थिति है लेकिन हमें सेवा तो करनी है।
उन्होंने इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत में बाताया कि इन जमातियों को समझाने पर बोलते हैं कि कोरोना जैसी कोई चीज नहीं है, दवाइयां नहीं लेते उन्हें फेंक देते हैं, खाने और डाक्टरों को बुरा भला कहा कि आप बेकार का काम कर रहे हैं और बोल रहे हैं कि हमें कुछ नहीं होगा आपको हो जाएगा। इनको बढ़िया खाना तक मिल रहा है, साफ पानी और साफ सुथरा माहौल दे रहे हैं, फिर भी ये लोग ऐसा कर रहे हैं जो दुख की बात है।
डॉ. लालचंजदानी ने कहा 'किसी ने कोई भी डोज दवाई का नहीं लिया, बहुत सारी इनकी डिमांड रहती है, परेशान करते रहते हैं, अगर पुलिस साथ न दे तो इनका इलाज करना संभव नहीं है। बोलते हैं कि हमारे लिए अच्छे कपड़े और अच्छा खाना लाओ, हमारे मनोरंजन के लिए साधन लाओ, मानते नहीं हैं। हमें इनके पास लगे महिला स्टाफ को पूरी तरह से हटाना पड़ गया, इससे बहुत दिक्कत आ रही है और बहुत ज्यादा संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। खाना बहुत अच्छा दे रहे हैं, दाल चावल, पनीर की सब्जी दे रहे हैं, फिर भी ये लोग बहुत ज्यादा शिकायत कर रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि प्रसाशन इतना कर रहा है इनके लिए लेकिन इनकी तरफ से इसके लिए कोई कृतज्ञता नहीं आ रही है। ये अपने हाथों में थूक लगाकर पूरी रेलिंग और दीवारों पर लगा रहे हैं, दीवारों पर थूक चिपका रहे हैं, सीड़ी पर थूक पिचका रहे हैं, दिन में 2-3 घंटे में हमें सैनेटाइज करना पड़ रहा है। इनके इस रवैये की वजह से जरूरत से ज्यादा स्टाफ और पुलिस की जरूरत पड़ रही है। ये ईलाज चाहते ही नहीं है, खुद की बीमार मान ही नहीं रहे, पुलिस ने हो तो ये भाग जाएं यहां से, वार्ड में ताले तक लगाए गए हैं।
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