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    बगैर मास्क लगाए चला रहा था पोर्श की लग्जरी कार, बीच सड़क लगानी पड़ी उठक-बैठक

    Porsche 918 driver penalised for breaking COVID-19 lockdown; made to do sit-ups | India TV

    इंदौर: मध्य प्रदेश का इंदौर शहर इन दिनों कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है। इस जानलेवा महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन लगातार सख्ती बरत रहा है। यही वजह है कि शहर में बिना मास्क के घर से निकलना प्रतिबंधित है। एक नौजवान आधुनिक लग्जरी कार लेकर बिना मास्क के शहर की सड़क पर निकला, तो नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों ने उसे उठक-बैठक लगाने की सजा दे डाली। मामला इंदौर के बापट चौराहे का बताया जा रहा है। यहां से एक युवक 2 सीट वाली लग्जरी कार पोर्श 718 बॉक्सस्टार से गुजर रहा था। कार में वह अकेले ही सवार था।

    कर्फ्यू पास के बावजूद लगवाई उठक-बैठक

    वीडियो में शहर के एमआर-10 रोड पर पीले रंग की महंगी कार से जा रहे युवक को काली वर्दी पहना एक स्वयंसेवक रोकता दिखायी देता है। इस वक्त युवक 2 सीटों वाली महंगी कार में अकेला था और उसने कार की छत खोल रखी थी। वीडियो में दिख रहा है कि गाड़ी सड़क के किनारे लगाने के बाद युवा चालक नीचे उतरकर स्वयंसेवक को कर्फ्यू का पास दिखाने की कोशिश करता है। यह पास कर्फ्यू के दौरान गरीब लोगों को भोजन बांटने के लिS युवक के नाम पर खुद पुलिस ने जारी किया था। कर्फ्यू पास की बात सुनते ही युवक को झिड़कते हुए स्वयंसेवक कहता है कि ‘उसे उसके पास से कोई मतलब नहीं है।’ इसके बाद स्वयंसेवक डंडा दिखाते हुए युवक से जबरन उठक-बैठक लगवाता नजर आता है।

    युवक ने लगाया बदसलूकी का आरोप
    वहीं युवक ने भी स्वयंसेवक पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया। इस वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चश्मदीदों के मुताबिक घटना शनिवार की है।  युवक को डांटना जारी रखते हुए स्वयंसेवक उससे यह भी पूछता सुनाई पड़ता है कि ‘क्या उसे गाड़ी चलाते वक्त मास्क लगाने में शर्म आ रही थी?’ इस पर युवक जवाब देता है कि मास्क उसकी जेब में ही है। उठक-बैठक लगाने वाले युवक की पहचान संस्कार दरयानी (20) के रूप में हुई है। वह शहर के उद्योगपति दीपक दरयानी का बेटा है। घटना से जुड़ी सुपरकार उद्योगपति की कम्पनी के नाम से पंजीकृत है।

    युवक ने कहा, खाना बांटकर घर जा रहा था
    संस्कार ने कहा, ‘मेरा परिवार कर्फ्यू के दौरान सेवा कार्य करते हुए गरीब लोगों को भोजन मुहैया करा रहा है। घटना के वक्त मैं खाने के पैकेट बांटकर अपने घर जा रहा था। मैं गाड़ी चलाने का लाइसेंस और कर्फ्यू के आधिकारिक पास के साथ बाहर निकला था लेकिन नगर सुरक्षा समिति के स्वयंसेवक ने मेरी एक नहीं सुनी। उसने मेरे साथ बदसलूकी करते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया। मैं अपने साथ हुए बर्ताव से बेहद दु:खी हूं। ऐसा बर्ताव आइंदा किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए।’ युवक के पिता दीपक दरयानी ने आरोप लगाया कि एक अन्य घटना में नगर सुरक्षा समिति के स्वयंसेवकों ने उनके साथ भी उस समय बदसलूकी की जब वह अपनी कार से जा रहे थे।

    युवक के पिता ने पुलिस में की शिकायत
    उद्योगपति ने बताया कि उन्होंने रविवार को हीरानगर थाने पहुंचकर नगर सुरक्षा समिति के स्वयंसेवकों के बुरे बर्ताव की पुलिस को मौखिक शिकायत की है। हीरानगर पुलिस थाने के प्रभारी राजीव भदौरिया ने युवक और उसके पिता के आरोपों पर टिप्पणी किए बगैर कहा कि कोविड-19 को रोकने के लिए शहर में लागू कर्फ्यू के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ नगर सुरक्षा समिति के कई स्वयंसेवक भी अलग-अलग स्थानों में ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन आम लोगों के साथ किसी भी किस्म की बदसलूकी बिल्कुल भी विधिसम्मत नहीं है। बता दें कि राज्य में इंदौर में कोरोना का सबसे ज्यादा संक्रमण है। यहां मरीजों की संख्या 1085 पर पहुंच गई है। वहीं 57 मरीजों की मौत हो चुकी है।



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