भारत में कोरोना वायरस का आंकड़ा 1.16 लाख के पार, सरकार ने कहा- मृत्यु दर दुनिया की अपेक्षा काफी कम
नयी दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को एक लाख 16 हजार को पार कर गयी। हालांकि इसमें से आधे मामले पिछले एक पखवाड़े में सामने आये हैं जब से विशेष ट्रेनों के जरिये विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों की आवाजाही शुरू हुयी है और विदेशों में फंसे लोगों को विशेष विमान से यहां लाना शुरू किया गया है। सरकार ने हालांकि कहा कि दुनिया की औसत मृत्यु दर 6.65 प्रतिशत की तुलना में भारत में यह दर आधे से भी कम है।
अधिकारियों ने दो महीने के अंतराल के बाद घरेलू उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों का ऐलान किया। वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये बीते 25 मार्च से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के चौथे चरण में व्यावसायिक गतिविधियों एवं लोगों के आवगमन को गति मिली है। इसी समय केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से मौजूदा लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये कहा है। इसमें रात का कर्फ्यू भी शामिल है जो शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक है। केंद्र ने यह भी कहा है कि इसे कुछ स्थानों पर प्रतिबंधों के उल्लंघन के बारे में पता चला है।
सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गये निर्देश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिये कहा है। इसमें कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये मास्क पहनना तथा एकदूसरे से मेल जोल से दूरी समेत अन्य उपाय शामिल हैं। इस घातक वायरस के कारण देश भर में मरने वालों की संख्या 3500 के करीब है। इस वायरस के कारण मृत्यु दर करीब तीन फीसदी है। देश में करीब 47 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। अबतक करीब 15 अन्य देशों में कोरोना वायरस के कारण भारत से अधिक मौत हुयी हैं। हालांकि, देश में ऐसे मरीजों की संख्या 65 हजार से अधिक है जिनका इलाज चल रहा है और भारत इस लिहाज से दुनिया में पांचवें स्थान पर है।
अमेरिका, रूस, ब्राजील और फ्रांस ऐसे मुल्क हैं जहां भारत से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है । कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भारत आंकड़ों के हिसाब से दुनिया का 11वां सर्वाधिक प्रभावित देश है। दस सबसे अधिक प्रभावित देशों में से कुछ में सक्रिय मामलों (ऐसे मरीजों के मामले जिनका अभी इलाज चल रहा है) की संख्या भारत से कम है, जिसमें स्पेन, इटली, जर्मनी, तुर्की एवं ईरान शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह आठ बजे की अपनी बुलेटिन में कहा कि कोविड—19 के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 3435 हो गयी है जबकि संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ कर एक लाख 12 हजार 359 हो गयी है।
बुलेटिन के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में इस वायरस के कारण 132 लोगों की मौत हुयी है जबकि 5,609 नये मामले सामने आये हैं। इससे अब देश में वर्तमान में 63,624 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 45 हजार से अधिक लोग बीमारी से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। हालांकि, विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रात साढ़े नौ बजे के घोषित आंकड़ों के अनुसार पीटीआई भाषा की तालिका के अनुसार देश भर में वायरस के संक्रमण के कुल मामलों की संख्या इससे अधिक है और यह एक लाख 16 हजार 295 पर पहुंच गयी है और इस वायरस से मरने वालों की संख्या तीन हजार 494 हो गयी है। आंकड़ों के अनुसार बुधवार शाम से देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के 5705 नये मामले सामने आये हैं जबकि इस बीमारी के कारण 139 लोगों की मौत हुयी है।इसके अनुसार इस अवधि के दौरान 2700 से अधिक लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी गयी है और इसके साथ ही इस बीमारी से अबतक ठीक होने वालों की संख्या 47 हजार 487 हो गयी है। देश में जो कुल संक्रमित मामले सामने आये हैं, उनमें से करीब आधे मामले आठ मई के बाद सामने आये हैं। आठ मई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 56 हजार 342 है। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। इसके बाद 29 मार्च को एक हजार का आंकड़ा हुआ। 13 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या देश में दस हजार के पार पहुंच गयी। छह मई को यह आंकड़ा 50 हजार को पार कर गया और एक लाख का आंकड़ा पहुंचने में दो हफ्ते से कम का वक्त लगा और 18 मई को एक लाख हो गया।
इस घातक वायरस के चीन में पनपने के बाद से पूरी दुनिया में 50 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमण से संक्रमित हैं जबकि दिसंबर से अबतक इस वायरस के कारण करीब 3. 3 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और अबतक 19 लाख से अधिक लोग ठीक हुये हैं। भारत में अधिकारियों ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की संख्या 100 से एक लाख होने में 64 दिन का समय लगा जो बहुत से देशों से बेहतर है। अमेरिका एवं स्पेन को इस आंकड़े तक पहुंचने में भारत की अपेक्षा आधा समय लगा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि संक्रमण की समय से पहचान, उचित क्लीनिकल प्रबंधन की मदद से भारत में मृत्यु दर कम रखने में मदद मिली है।
मंत्रालय ने बयान में यह भी बताया कि पिछले 24 घंटे में तीन हजार से अधिक लोग ठीक होकर वापस अपने घर गये हैं। ठीक होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है और यह अभी 40 फीसदी को पार कर गयी है। इसने कहा है कि सभी मरीज सक्रिय चिकित्सा निगरानी में रखे गये हैं और कुल इलाजरत मरीजों के करीब 2.94 फीसदी आईसीयू में हैं। कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में नये मामले सामने आये हैं । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी एक दिन के सार्वाधिक 571 मामले सामने आये हैं जिससे इसकी कुल संख्या 11 हजार 659 हो गयी है। यह लगातार तीसरा दिन है जब 500 या उससे अधिक मामले सामने आये हैं। गुजरात में 371 नये मामले सामने आये हैं और संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ कर 12 हजार 910 हो गया है।
भारत में सार्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में आज 2345 नये मामले सामने आये हैं जिससे प्रदेश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 41 हजार 642 हो गया है। यह लागातार पांचवां दिन है जब दो हजार से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुयी है । इसी तरह तमिलनाडु में 776 नये मामले सामने आने के साथ ही प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 14 हजार हो गयी है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सात लोगों की मौत हो गयी, सूबे में अबतक कुल 94 मरीजों की मौत संक्रमण के कारण हो चुकी है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, ओडिशा, एवं आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम सहित अन्य राज्यों में भी संक्रमण के नये मामले सामने आये है।
कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की संख्या उन राज्यों में विदेशों तथा दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों के कारण बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की निगरानी की जा रही है और उनमें से कई लोगों में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी है। उन्होंने बताया कि पांच लाख 42 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की गयी है और उनमें से 1230 संक्रमित पाये गए हैं। उन्होंने बताया कि 46,142 के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। बिहार में भी पिछले तीन हफ्तों में एक हजार से अधिक मरीजों की पहचान की गयी है। यही रुख अन्य राज्यों में देखा गया है।
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