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    WHO में बढ़ा भारत का कद, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन बनेंगे कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष

    Harsh Vardhan To Take Charge As WHO Executive Board Chairman Image Source : PTI

    नई दिल्ली: कोरोना के नाज़ुक दौर में भारत को दुनिया ने एक और बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) के एग्जीक्यूटिव बोर्ड का चेयरमैन चुन लिया गया है। अब हर्षवर्धन ये तय करेंगे कि दुनिया के हर हिस्से में लोगों को सही इलाज मिल रहा है या नहीं। वे जापान के डॉ. हिरोकी नकतानी की जगह लेंगे।

    कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई की सराहना पूरी दुनिया कर रही है। भारत ने इस बीमारी से न केवल अपने देश में लड़ाई लड़ी है बल्कि पूरी दुनिया की भी मदद की है और इसी का नतीजा है कि अब भारत के स्वास्थ्य मंत्री पूरी दुनिया की हेल्थ पर नज़र रखेंगे। 

    डॉ. हर्षवर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के अगले चेयरमैन होंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 34 मेंबर होते हैं। 194 देशों की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में डॉक्टर हर्षवर्धन को निर्विरोध चुना गया। हर्षवर्धन 22 मई को एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का पद संभालेंगे।

    एक अधिकारी ने कहा कि यह पूर्णकालिक कार्य नहीं है और मंत्री को कार्यकारी बोर्ड की बैठकों की अध्यक्षता करने की आवश्यकता होगी। बोर्ड साल में कम से कम दो बार बैठक करता है और मुख्य बैठक आमतौर पर जनवरी में होती है। स्वास्थ्य सभा के तुरंत बाद मई में दूसरी छोटी बैठक होती है। कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का मुख्य कार्य स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए सलाह देना है।

    हर्षवर्धन अगले एक साल तक चेयरमैन बने रहेंगे। इससे पहले डब्ल्यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया ग्रुप ने तीन साल के लिए भारत को बोर्ड मेंबर्स में शामिल करने पर सहमति जताई थी। अब बताते हैं डॉक्टर हर्षवर्धन को जिस डब्ल्यूएचओ बोर्ड का चेयरमैन चुना गया है वो क्या होती है।

    डब्ल्यूएचओ एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 34 सदस्य होते हैं और सभी 34 मेंबर स्वास्थ्य के क्षेत्र के एक्सपर्ट होते हैं। 194 देशों की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली से 3 साल के लिए बोर्ड में चुना जाता है। फिर इन्हीं सदस्यों में से एक-एक साल के लिए चेयरमैन बनता है। बोर्ड का काम हेल्थ असेंबली में तय होने वाले फैसले और नीतियों को सभी देशों में ठीक तरह से लागू करना होता है। 

    डॉक्टर हर्षवर्धन की खासियत है कि वो खुद तो मेहनती हैं ही, पूरी टीम को साथ लेकर काम करते हैं। इससे पहले डॉक्टर हर्षवर्धन ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए विश्व स्वास्थ्य सभा में कहा था कि भारत ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए वक्त पर ज़रूरी कदम उठाए हैं और भारत आने वाले महीनों में और बेहतर काम करेगा।



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