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    आज मां शीतला का व्रत करने से होगा दुखों का अंत, जानिए किस तरह दीपक जलाने से होगी समस्त इच्छाएं पूरी

    शीतला अष्टमी Image Source : TWITTER/4TO40/STATUS

    आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और शनिवार का दिन है। अष्टमी तिथि आज देर रात 1 बजे तक रहेगी। आप जानते है कि प्रत्येक महीने के  कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री शीतलाष्टमी व्रत और शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री दुर्गाष्टमी व्रत करने का विधान है। आज कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। लिहाजा आज श्री शीतलाष्टमी व्रत किया जायेगा। वैसे तो प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री शीतलाष्टमी व्रत किया जाता है, लेकिन पुराणों में चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ज्यादा ही फलदायी बताया गया है। इन महीनों की अष्टमी तिथि को शीतला माता की पूजा अर्चना करने से जातक की समस्त मनोकामनाएं अतिशीघ्र पूर्ण होती है। आज के दिन माताएं अपने बच्चों और अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिये शीतला माता के निमित्त व्रत रखती हैं। आज के दिन रास्ते के पत्थर को देवी मां का स्वरूप मानकर, उसकी पूजा करने की भी परंपरा है। इसीलिए शीतला माता का एक नाम पथवारी माता भी है।

    अपने परिवार में खुशियों की बौछार करने और सबके बीच आपसी सामंजस्य को बनाये रखने के लिये आज के दिन माता को मीठे, गुड़ के बने हुए चावलों और दही का भोग जरूर लगाना चाहिए। शीतलाष्टमी के इस पर्व को अलग-अलग जगहों पर बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा नामों से भी जाना जाता है। इस दिन बासी या ठण्डा भोजन खाने की परंपरा है। स्कन्द पुराण में माता शीतला की अर्चना का स्तोत्र 'शीतलाष्टक' के रूप में प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि- इस स्तोत्र की रचना स्वयं भगवान शंकर ने की थी। शास्त्रों में भगवती शीतला की वंदना के लिए यह मंत्र बताया गया है। मंत्र है-

    वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।।
    मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।

    शीतलाष्टमी का यह पर्व हमें पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने की प्रेरणा देता है। इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। 

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    आज सुबह 11 बजकर 2 मिनट तक प्रीति योग रहेगा। उसके बाद आयुष्मान योग शुरू हो जायेगा, जो कल दोपहर पहले 11 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग में बिगड़े रिश्तों को पुनः सही करने के लिए कोशिश की जाये तो अवश्य ही सफलता मिलाती है। वहीं आयुष्मान योग की बात करें तो इस योग के दौरान किये गये कार्यों से लंबे समय तक शुभ फलों की प्राप्ति होती रहती है। 

    साथ ही आज रात 9 बजकर 28 मिनट तक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। सत्ताईस नक्षत्रों में से पूर्वाभाद्रपद 25वां नक्षत्र है। पेड़ पौधों में पूर्वाभाद्रपद का संबंध आम के पेड़ से है। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को आम के फल या आम से बनी किसी भी चीज का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।

    आचार्य इंदु प्रकाश  से जानिए सुख-साधनों में बढ़ोतरी के लिये, जीवन में खुशहाली पाने के लिये और परेशानियों को दूर करने के लिये, साथ ही भय से छुटकारा पाने के लिये, जीवनसाथी की परेशानी को दूर करने के लिये, बच्चे के सिर से जादू-टोने का असर खत्म करने के लिये और उनकी तरक्की के लिये, घर से निगेटिविटी को दूर करने के लिये, आर्थिक रूप से लाभ में बढ़ोतरी के लिये और जीवन में स्थिरता बनाये रखने के लिये क्या उपाय करने चाहिए। 

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    • अगर आप अपने आस-पास पॉजिटिविटी बनाये रखना चाहते हैं तो आज के दिन शीतला माता को प्रिय नीम के पेड़ की उपासना करें और नीम के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं। साथ ही हाथ जोडकर अपने आस-पास पॉजिटिविटी बनाये रखने के लिए प्रार्थना करें । कहते हैं माता नीम की पत्तियों से ही लोगों का कल्याण करती हैं। आज के दिन ऐसा करने से आपके आस-पास पॉजिटिविटी बनी रहेगी। 
    • अगर आप अपने बिजनेस में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो आज के दिन आपको शीतला माता को मूंग की दाल और चावल से बनी खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए। साथ ही शीतला माता से अपने बिजनेस की बढ़ोतरी के लिये प्रार्थना करनी चाहिए। आज के दिन ऐसा करने से आपके बिजनेस में बढ़ोतरी होगी। 
    • अगर आप अपने घर की सुख-समृद्धि बनाये रखना चाहते हैं तो आज के दिन आपको स्नान आदि के बाद शीतला माता के इस मंत्र का 51 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है-    ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः। आज के दिन ऐसा करने से आपके घर की सुख-समृद्धि बनी रहेगी। साथ ही आपके परिवार के सदस्यों की सेहत भी अच्छी रहेगी। 
    • अगर आप अच्छे स्वास्थ्य की कामना रखते हैं। साथ ही लंबी आयु का वरदान पाना चाहते हैं, तो आज के दिन आपको शीतलाष्टक स्त्रोत में दी गई इन पंक्तियों का जाप करना चाहिए। पंक्तियां इस प्रकार हैं-     

    मृणाल तन्तु सदृशीं नाभि हृन्मध्य संस्थिताम्।
    यस्त्वां संचिन्त येद्देवि तस्य मृत्युर्न जायते।।

    आज के दिन इन पंक्तियों का जप करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और साथ ही आपको लंबी आयु का वरदान प्राप्त होगा। 

    • अगर आपको जीवन में कोई परेशानी है तो उसे अपने जीवन से दूर करने के लिये आज के दिन आपको सरसों के तेल में चुपड़ी हुई एक रोटी काले कुत्ते को डालनी चाहिए। रोटी पर तेल चुपड़ते के पहले भैरव जी का ध्यान करते हुए 5 बार इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है-

    ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ
    आज के दिन ऐसा करने से आपके जीवन में जो भी परेशानी हैं, वो जल्द ही दूर हो जायेंगी। 

    • अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिये आज शाम के समय भैरव जी की विधिवत पूजा करके उनके सामने तिल के तेल का दीपक जलाएं और अपने मन की इच्छा व्यक्त करें। तेल का दीपक साधक की इच्छाओं की पूर्ति के लिये होता है। साथ ही इस दिन अगर आप भैरव जी को स्मरण करके किसी गरीब व्यक्ति को काला वस्त्र दान करें। आज के दिन ऐसा करने से आपकी समस्त इच्छाएं जल्दी ही पूरी होंगी। 
    • अगर आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है, जिसके कारण आप भी परेशान हैं तो अपनी और अपने जीवनसाथी की परेशानी को दूर करने के लिये  आज के दिन आपको सुबह उठकर स्नान आदि के बाद शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव जी के मंत्र का भी जाप करना चाहिए। मंत्र है-

    'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'
    आज के दिन ऐसा करने से आपके जीवनसाथी की परेशानी दूर होगी, जिससे आपकी भी परेशानी का हल निकलेगा। 

    • अगर आप भय और रोग आदि से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज के दिन आपको देवी शीतला के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र है-    

    वन्देSहं शीतलां देवीं सर्वरोग भयापहम्।
    यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्।।

    आज के दिन इस मंत्र का जप करने से आपको भय और रोग आदि से छुटकारा मिलेगा।

    • अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे के ऊपर किसी ने जादू-टोना करवा रखा है, जिसके असर के चलते आपका बच्चा तरक्की नहीं कर पा रहा है तो आज के दिन एक मुट्ठी काले तिल लेकर, भैरव बाबा का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के सिर से सात बार उतार दें। ध्यान रहे छ बार क्लॉक वाइज़ और एक बार एंटी क्लॉक वाइज़ उतारना है। उसके बाद उन तिलों को बहते जल मे प्रवाहित कर दें प्रवाहित करते समय इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है-

    'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'
    आज के दिन ऐसा करने से आपके बच्चे के सिर से जादू-टोने का असर खत्म होगा और वह तरक्की की ओर कदम बढ़ायेगा। 



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