सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन का मामला, कोर्ट ने सरकार को दी 1 महीने की मोहलत
सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिए जाने के मामले में सरकार को एक महीने की और मोहलत मिल गई है। भारतीय सेना (Indian Army) में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने और कमांड पोस्ट में उनकी तैनाती के संबंध में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के अनुपालन के लिए सरकार को एक महीने का और समय दिया है। सरकार ने कोरोना संकट के चलते दफ्तर बंद होने के चलते इस आदेश के पालन के लिए 6 महीने का वक्त मांगा था। लेकिन देरी पर नाराजगी तजाते हुए अदालत ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है।
बता दें कि 18 फरवरी को सुनाए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस फैसले के अनुपालन के लिए 3 महीने का वक्त दिया था। लेकिन कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन के चलते यह प्रक्रिया धीमी पड़ गई। SC ने सरकार से अपने निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है और कोरोना के कारण दिया समय है। आज अदालत में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि निर्णय लेना अंतिम चरण में है।
केंद्र सरकार की ओर से बाला सुब्रमण्यम ने अदालत से कहा कि ऑफिस ऑर्डर कभी भी आ सकता है। लेकिन कोरोना को देखते हुए और वक्त दिया जाना चाहिए। इस पर महिला अफसरों की ओर से पेश मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) से अदालत ने पूछा कि क्या और वक्त नहीं दिया जाना चाहिए। लेखी ने कहा कि दिया जा सकता है लेकिन अदालत इसकी निगरानी करे।
केंद्र ने मांगा 6 महीने का समय
केंद्र सरकार ने कोरोना के चलते स्थायी कमीशन लागू करने और महिला अफसरों को कमांड पोस्टिंग के प्रावधान के लिए 6 महीने का और वक्त मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण दफ्तर बंद रहे और कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही। इसलिए कोर्ट के दिए गए तीन महीने में इसे लागू नहीं किया जा सका।
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