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    विकास दुबे बिकरू गांव में लगाता था अदालत, फैक्ट्रियों पर चलता था राज, हिला देंगे दबंगई के किस्से

    Vikas Dubey Image Source : FILE PHOTO

    मार्च में जहां यूपी पुलिस की हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट में विकास दुबे का कहीं अता पता नहीं था, वह अब इनाम के मामले में टॉप 3 में शामिल हो गया है। कानपुर के दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के नए ​किस्से अब रोज सामने आ रहे हैं। जिससे पता चलता है कि विकास दुबे कितना खतरनाक है, और कानपुर के आसपास के लोग इसके नाम से किस कदर थर्राते हैं। जांच में सामने आया है कि विकास दुबे का अपने इलाके में सिक्का चलता था। यह यहां के उद्योगों से लेकर कारोबारियों से जमकर उगाही करता था।  यह भी पढ़ें: 'गांव आए तो बिछा देंगे लाशें' थाने फोन करके विकास दुबे ने दी थी पुलिस को धमकी

     

    बताया जा रहा है कि बिकरु गांव के घर के बाहर रोज़ विकास की अदालत लगती थी। अदालत में ज्यादातर​ मामले ज़मीनों से जुड़े आते थे। सूत्रों के मुताबिक विकास ने ज़मीनों की खरीद फरोख्त में काफी पैसा कमाया था। विकास के पास के चौबेपुर और बिठूर इलाके में ज़मीन काफी महंगी है। यहां ज़मीन की कीमत एक करोड़ रुपए प्रति बीघा तक है। यहॉ ज़मीनों में कब्ज़ा करना,ज़मीनों की खरीद फरोख्त में विकास का कट होता है। इसके अलावा विकास ठेकेदारी का भी काम करता है। चौबेपुर में बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। जहाँ डिटर्जेंट बनाने वाली,केमिकल फैक्ट्री,एग्रो इंडस्ट्रीज और कई बड़ी बड़ी फैक्ट्रीज है। लोगों का कहना है कि यहां से विकास लाखो की वसूली करता।

    कहा जाता है कि इन इंडस्ट्रीज में कर्मचारियों की छटनी भी विकास से पूछ कर होती है। 

    'गांव आए तो बिछा देंगे लाशें' 

    चौबेपुर थाने के सस्पेंड किये गए दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि विकास दुबे ने घटना के एक दिन पहले शाम को चार बजे चौबेपुर थाने में फोन करके धमकी दी थी कि अगर पुलिस गाव में आई तो लाशें बिछा दी जाएगी। सस्पेंड किये गए दरोगा के के शर्मा ने पुलिस को बताया है कि इस फ़ोन की जानकारी थानेदार विनय तिवारी को दी थी। धमकी से डर कर के के शर्मा विकास के गांव दबिश डालने नहीं गया। चौबेपुर थाने के ससपेंड किये गए दूसरे दरोगा कुँवर पाल और सिपाही राजीव भी विकास की धमकी से डर गए थे और दबिश डालने नहीं गए।

    सामने आई शहीद DSP देवेंद्र मिश्र की चिट्ठी

    कानपुर में आठ पुलिसवालों की शहादत पर एक और खुलासा हुआ है। शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र की एक चिट्ठी सामने आई है। सीओ ने मार्च में ही चिट्ठी लिखकर विकास दुबे का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया था। इस लेटर में देवेंद्र मिश्र ने थाना चौबेपुर के सस्पेंड एसएचओ विनय तिवारी का भी जिक्र किया है। कानपुर एसएसपी को भेजी गई चिट्ठी में सीओ ने लिखा था कि विकास दुबे के खिलाफ डेढ़ सौ मुकदमे हैं। इस चिट्ठी में सीओ ने चौबेपुर एसएचओ को विकास दुबे पर कार्रवाई के लिए कहा था लेकिन विनय तिवारी एक्शन के बजाए विकास दुबे से सहानुभूति रख रहे थे। इस बात का जिक्र डिप्टी एसपी ने अपनी चिट्ठी में किया था। शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के निलंबित एसएचओ विनय तिवारी को पहले ही हटाने की सिफारिश उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन इस प्रकरण पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में एसएचओ विनय तिवारी को भ्रष्टाचारी और विवेचना में गड़बड़ी करने वाला बताया था।

    विनय तिवारी पर गंभीर आरोप 

    शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में एसएचओ विनय तिवारी को जुआ खिलवाने वाला और जनता से अभद्र व्यवहार करने का दोषी बताया था, लेकिन उच्च अधिकारियों के कानों में शिकायत की रिपोर्ट की जूं तक नहीं रेंगी। सूत्रों के मुताबिक, शहीद डिप्टी एसपी ने विनय तिवारी के खिलाफ आठ जांच रिपोर्ट भेजी थी।



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