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    विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से फोन करके दी गई थी दबिश की जानकारी! गिरफ्तार गैंगस्टर ने खोली पोल

    Vikas Dubey was informed someone from police station about possible raid reveals his associate arrested gangster daya shankar Image Source : INDIA TV

    कानपुर। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से ही फोन गया था कि उसके ऊपर रेड होने वाली है, विकास दुबे की गैंग के एक अन्य इनामी गैंगस्टर दया शंकर ने यह जानकारी दी है। दया शंकर को रविवार सुबह ही पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया है और उसने घायल अवस्था में पुलिस को यह बयान दिया है। दया शंकर के बयान से यह साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के किसी भ्रष्ट कर्मी ने ही विकास दुबे को रेड के बारे में फोन करके पहले बता दिया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस सिलसिले में कुछ पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई भी की है।  

    दया शंकर ने यह भी बताया कि पुलिस स्टेशन से रेड के बारे में फोन आने के बाद विकास दुबे ने अपनी मदद के लिए 20-25 लोगों को फोन करके पहले ही बुला लिया था और फिर उसके बाद रेड करने पहुंची पुलिस की टीम पर हमला किया गया। गिरफ्तार गैंगस्टर दया शंकर ने बताया कि खुद विकास दुबे ने रेड करने पहुंची पुलिस की टीम पर गोलियां बरसाई। विकास खुद बंदूक से पुलिस वालों पर फायरिंग कर रहा था और जिस बंदूक से वह गोलियां बरसा रहा था वह बयान देने वाले गैंगस्टर दया शंकर के नाम पर ही थी। गैंगस्टर दया शंकर पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25 हजार रुपए का ईनाम रखा हुआ है, लेकिन अब वह गिरफ्तार है और पुलिस को बयान दे रहा है।

    इससे पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस कर्मियों के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे की खबर देने वाले को उत्तर प्रदेश पुलिस ने ईनाम की राषि को बढ़ा दिया है। अब गैंगस्टर विकास दुबे की खबर देने वाले को उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह से 1 लाख रुपए के ईनाम की घोषणा की गई है। पहले 50 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की गई थी लेकिन अब उसमें और 50 हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई है। 48 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे की तलाश में जुटी हुई है करीब 40 थानों की पुलिस उसके पीछे लगी हुई है।

    विकास दुबे के अलावा 18 और नामजत अभियुक्तों पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25-25 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की है। इनके नाम इस तरह से हैं. श्यामी बाजपेयी, छोटू शुक्ला, मोनू, जहान यादव, दया शंकर, शशिकांत, शिव तिवारी, विष्णु पाल यादव, राम सिंह, रामू बाजपेयी, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, गोपाल सैनी, बीरु दुबे, बउन शुक्ला, शिवम दुबे, बाल गोविंद और बउआ दुबे।

    कानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर बिकरू गांव में शुक्रवार को एक मुठभेड़ में पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के बाद प्रशासन ने शनिवार को कुख्यात अपराधी विकास दुबे के किलेनुमा घर को ढहा दिया। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को विकास दुबे के बिकरू स्थित घर को जेसीबी की मदद से गिरा दिया गया। इस दौरान वहां खड़े वाहनों को भी नष्ट कर दिया गया। इस मौके पर वहां भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे।

    पुलिस द्वारा विकास दुबे का घर गिराये जाने की बाबत सवाल पूछे जाने पर कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया, ''गांव के लोगों का कहना था कि दुबे ने दबंगई और गुंडागर्दी से लोगों की जमीन पर कब्जा किया था और लोगों से जबरन वसूली कर घर बनाया था। गांव में यह अपराध का गढ़ था, गांव वालो में उसके प्रति बहुत गुस्सा था।'' उन्होंने बताया कि दुबे के परिवार वालों पर गांव के नाराज लोगों ने हमला भी किया था लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण कोई हादसा नहीं हुआ।



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