कश्मीर घाटी में सादगी से मनाई गई बकरीद, लोगों ने छोटे समूहों में पढ़ी नमाज
श्रीनगर: कश्मीर में शनिवार को ईद-उल-अजहा का जश्न कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सादगी से मनाया गया। ज्यादातर लोगों ने छोटे समूहों में नमाज पढ़ी और शारीरिक दूर के नियम का पालन किया। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर की प्रमुख मस्जिदों और दरगाहों में ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई क्योंकि पुलिस ने श्रीनगर शहर समेत घाटी के ज्यादातर हिस्सों में सख्त पाबंदियां लगाई हुई है।
उन्होंने बताया कि लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए शहर में कई स्थानों पर कंटीली तारें और अवरोधक लगाए गए। उन्होंने बताया कि लोगों ने घरों में ही ईद की नमाज अदा की। हालांकि शहरों के अंदरुनी हिस्सों में स्थित मस्जिदों में समूहों में ईद की नमाज पढ़ने की खबरें आईं। पुलिसकर्मियों ने सुबह-सुबह लाउडस्पीकरों पर घोषणा करते हुए लोगों से ईद की नमाज के लिए एकत्रित न होने की अपील की क्योंकि घाटी में अब भी कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि बकरीद के मौके पर घाटी में विभिन्न स्थानों पर भेड़ों और बकरों की बलि दी गई। उन्होंने बताया कि इस साल कोविड-19 के खतरे के कारण पिछले साल के मुकाबले कम पशुओं की बलि दी गई।
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