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    'गोवा में शैम्पू जैसी वस्तुओं के लिए हो रहा लॉकडाउन का उल्लंघन'

    'गोवा में शैम्पू जैसी वस्तुओं के लिए हो रहा लॉकडाउन का उल्लंघन'

    पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि वह उन कुछ लोगों से परेशान है, जो एक शैम्पू जैसी तुच्छ वस्तुओं को खरीदने के लिए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं। राज्यभर में किराने की दुकानों में आवश्यक वस्तुओं के उपलब्ध ना होना और कर्फ्यू लागू करने के लिए केंद्रीय बलों की मांग किए जाने के कारण गोवा में दहशत फैलाने के लिए सावंत प्रशासन की आलोचना हो रही है। ऐसे में उन्होंने कहा, "केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को लोगों को दंडित करने के लिए नहीं बल्कि राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुलाया गया है।"

    मुख्यमंत्री सावंत ने रविवार को कहा, "घर के लिए आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर जाने की स्थिति में लोगों को चाहिए कि परिवार का एक व्यक्ति बाहर आए और आवश्यक वस्तु लेकर घर लौटे, लेकिन देखने में आया है कि लॉकडाउन के दौरान लोग शैम्पू खरीदने के लिए भी अपने घर से बाहर निकल रहे हैं।"

    लॉकडाउन लागू करने और उसी समय किराने की दुकानों को 24 घंटे खुला रखने के अपने निर्णय को सही ठहराते हुए उन्होंने आगे कहा, "यदि घर में चावल खत्म हो गया है, तो कोई भी बाहर आकर इसे खरीद सकता है, लेकिन सिर्फ इसलिए कि आपके पास कोई शैम्पू नहीं है लॉकडाउन का उल्लंघन करना सही नहीं है..! मैंने ऐसा देखा है, यह जरूरी नहीं है।"

    केंद्रीय बल के जवानों का वीडियो रविवार को वायरल हुआ, जिसमें उन्हें लोगों पर लाठीचार्ज करते और सार्वजनिक रूप से उनसे 'फ्रॉग जंप (मेंढक कूद)' करवाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर नाराजगी फैल गई।

    इस बीच मुख्यमंत्री ने सीआईएसएफ की कार्रवाई को उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ को बाहर से आग्रह कर के नहीं बुलाया गया है बल्कि गोवा में तैनात केंद्रीय यूनिट के माध्यम से वह यहां आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "सीआईएसएफ दिल्ली से नहीं आई है। वे गोवा में तैनात थे। हम उन्हें लोगों को दंड दिलाने के लिए नहीं लाए हैं, हम लोगों को परेशान नहीं करना चाहते लेकिन कानून-व्यवस्था को बनाए रखना होगा।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आवश्यक सामान खरीदने वाले केंद्रीय बल के रडार पर बिल्कुल भी नहीं है और सीआईएसएफ कर्फ्यू के दौरान दोपहिया वाहनों पर इधर-उधर यूं ही घूमने वाले युवाओं को रोकने में मदद करेगी।

    सावंत ने कहा, "अनावश्यक रूप से युवा सड़कों पर सवारी के लिए बाइक निकालते हैं। अगर कोई दूध, आवश्यक वस्तु या दवा खरीदने के लिए बाहर है तो यह ठीक है, लेकिन युवाओं को बाहर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि वे अपने परिवार में कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर जा सकते हैं।"



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