Coronavirus: प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, लॉकडाउन न करते तो क्या होते भारत के हालात?
प्रधानमंत्री ने आज देश में जारी कोरोना वायरस संकट को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक और बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत ने जिस तरह अब तक कोरोना वायरस का डटकर सामना किया है वह दुनिया के लिए एक नजीर है। उन्होंने कहा कि भारत ने समस्या आने का इंतजार नहीं किया बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसी समय तेजी से फैसले लेकर उसे रोकने का प्रयास किया। बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा पिछले महीने घोषित लॉकडाउन की अवधि आज 14 अप्रैल को समाप्त हो रही थी।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी के साथ तुलना करना ठीक नहीं लेकिन सच्चाई है कि अगर दुनिया के बड़े-बडे देशों में कोरोना से जुड़े आंकड़े देखें तो उनकी तुलना में आज भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है। महीना डेड़ महीना पहले कई देश कोरोना के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे। आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के केस 25-30 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हुई है।
समय पर फैसला न लेते तो खराब होती स्थिति
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने अगर संभलकर फैसले न लिए होते तो आज भारत की क्या स्थिति होती इसकी कलपना करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वहीं हमारे लिए सही है। सामाजिक दूरी और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो ये महंगा जरूर लगता है, बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं।
राज्य सरकारों ने शानदार काम किया
सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस रास्ते पर चला है, उसकी चर्चा आज दुनियाभर में होना बहुत स्वाभाविक है। देश की राज्य सरकारों ने भी स्थानीय इकाइयों ने भी इसमें बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है। 24 घंटे हर किसी ने अपना जीवन संभालने के लिए प्रयास किया है और हालत को संभाला भी है।
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