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    निर्जला एकादशी के साथ दो योगों का शुभ संयोग, बिजनेस में बढ़ोतरी के लिए करें ये अचूक उपाय

    निर्जला एकादशी Image Source : TWITTER/RAMJGD

    आज निर्जला एकादशी के साथ-साथ पूरे दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा। सत्ताईस नक्षत्रों में से चित्रा नक्षत्र का 14वां स्थान है। इसके स्वामी मंगल हैं।  इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह चमकीले रत्न को माना जाता है। इसके अलावा अगर चित्रा नक्षत्र के जातकों की बात करें, तो इस नक्षत्र में जन्में लोग बहुत ही धनी होते हैं। इन्हें जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा मिलती है। साथ ही भगवान के प्रति इनकी आस्था बनी रहती है।

    इसके अलावा चित्रा नक्षत्र में जन्में लोग बहुत ही साहसी, दूर की नजर रखने वाले, बुद्धिमान और ऊर्जावान, लेकिन साथ ही शांतिप्रिय भी होते हैं। इन्हें जीवन में अपने भाग्य की गति बदलने के कई सारे मौके मिलते हैं। पेड़-पौधों में इसका संबंध बेल के पेड़ से बताया गया है। चित्रा नक्षत्र में पैदा लोगों को बेल या उससे बनी कोई चीज कभी नहीं खानी  चाहिए । साथ ही आज पूरा दिन पार कर कल की सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक वरीयान योग रहेगा। इस योग में कोई मंगलदायक कार्य करने से निश्चित ही सफलता मिलती है। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 55 मिनट तक समस्त कार्यों में सफलता दिलाने वाला राज योग रहेगा। राज योग के दौरान कोई भी काम करने से वो बिना किसी रूकावट के पूरा होता है।  इसके आलावा आज दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से ही शुरू होकर रात 10 बजकर 55 मिनट तक द्विपुष्कर योग भी रहेगा। इस योग के दौरान किये गए कामों दो गुना फल प्राप्त होता है।

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    आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि हो और रविवार, मंगलवार या शनिवार का दिन हो और मृगशिरा, चित्रा या धनिष्ठा नक्षत्र;  इन तीनों में से कोई भी वार, तिथि और नक्षत्र एक साथ पड़ते है, तो द्विपुष्कर योग बनता है। आज मंगलवार का दिन है, दोपहर 12 बजकर 6  मिनट से द्वादशी तिथि शुरू हो जायेगी और चित्रा नक्षत्र है। लिहाजा आज द्विपुष्कर योग है। तो आप भी द्विपुष्कर योग का लाभ जरुर उठाईये और थोड़ी सी मेहनत करके ही आज दो-गुना फल पायें। 

    आज चित्रा नक्षत्र और वरीयान योग, राज योग और द्विपुष्कर योग में निर्जला एकादशी के दिन कौन सी विशेष पूजा करने से जीवन की अटकी हुई गाड़ी फिर पटरी पर आ जाए। आप सहमत होंगे कि कोरोना की वजह से व्यापारियों सहित पूरे समाज की अर्थ व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई है। तो हमे आवश्यकता धन की है, हमे आवश्यकता संसाधनों की है और इसके लिए मेरी राय में हम सबको देवताओं के राजा इन्द्र देव की उपासना करनी चाहिए।

    आज श्री विष्णु के दिन यानी एकादशी के दिन हमे जगत के पालन हार श्री विष्णु को देव राज इन्द्र के जरिए अप्रोच करना चाहिए। इसके लिए ऋग्वेद के चौथे मण्डल के 32 वें सूक्त की 26 वीं और 27 वीं ऋचा का पाठ करना चाहिए ऋचा इस प्रकार है - भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।  यह 26 वीं ऋचा है।

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    इसका अर्थ है कि हे प्रचुर दान देने वाले इन्द्रदेव, आप हमें विपुल ऐश्वर्य दीजिए । आप हमे कम नहीं, ढेर सा धन दीजिए, क्योंकि आप अधिक धन देने वाले हैं।

    इसी प्रकार अगली यानि 27 वीं ऋचा है 

    भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

    इसका अर्थ है कि हे वीरवर इन्द्र देव, हे वृत्तासुर का हनन करने वाले इन्द्र देव आपके बारे मे मशहूर है कि आप बहुत अधिक ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। प्लीज अपना ऐश्वर्य हमारे साथ शेयर करिए । 

    • अगर आप अपने पारिवारिक जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैं तो उसके लिए आज श्री हरि को चंदन का तिलक लगाएँ। साथ ही देवराज इन्द्र के निमित्त इस ऋचा का 108 बार जप करें। ऋचा है- भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।आज के दिन श्री हरि को चन्दन का तिलक लगाने और  देवराज इन्द्र निमित्त इस ऋचा का 108 बार जप करने से आपके परिवार में खुशहाली बनी रहेगी। 
    • अपने जीवनसाथी के साथ अपने रिश्ते को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए आज के दिन देवराज इन्द्र की विधि पूर्वक पूजा करें, फिर उसके बाद श्री विष्णु गायंत्री मंत्र का 11 बार जप करें। श्री विष्णु गायंत्री मंत्र इस प्रकार है- ऊँ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्.....आज के दिन इस मंत्र का 11 बार जप करने से जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में मजबूती आएगी।  

    निर्जला एकादशी

    निर्जला एकादशी
    • अगर आप किसी से प्यार करते हैं और उसे अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं, तो आज के दिन किसी पीले रंग के कपड़े पर चमकीला गोटा लगाकर, उस पर थोड़ी-सी खुशबू लगाकर श्री विष्णु जी को चढ़ाएं और भगवान के चरणों को छूकर प्रणाम करें और इन्द्र देव को नमस्कार करें। आज के दिन ये उपाय करने से आप जिससे भी प्यार करते हैं वह खुद-ब-खुद आपकी तरफ आकर्षित हो जाएगा।  
    • अगर आपकी कोई विशेष इच्छा है, जिसे आप जल्द से जल्द पूरी करना चाहते हैं, तो आज के दिन एक चन्दन की खूशबू वाली धूप बत्ती जलाएं और इन्द्रदेव के निमित्त इस ऋचा का जाप करे- भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।। आज के दिन इस ऋचा का 108 बार जप करने से आपकी जो भी इच्छा होगी, वह जरूर पूरी होगी। 
    • अपने जीवन में उन्नति पाने के लिए आज के दिन अपने स्नान के बाद कोई साफ-सुथरा पीले रंग का कपड़ा पहनें। अगर आपके पास पीले रंग का कपड़ा ना हो तो कोई पीले रंग का रूमाल या अन्य कोई पीले रंग का छोटा-सा कपड़ा लेकर आज पूरा दिन अपने पास रखें और इन्द्र देव के निमित्त इस ऋचा का जाप करें- भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
    • अगर आप का व्यवसाय नहीं है आप जॉब में हैं तो अपने करियर की बेहतरी के लिए और अपने आपको एक ऊँचे मुकाम तक पहुँचाने के लिए आज के दिन इन्द्र देव को मक्खन, मिश्री का भोग लगाएँ और इन्द्र देव तस्वीर के आगे बैठकर 108 बार इस ऋचा का जाप करें  भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।। आज के दिन ऐसा करने से आपके करियर की बेहतरी सुनिश्चित होगी और आप एक ऊँचे मुकाम तक पहुंचेंगे। 
    • अगर आप अपने बिजनेस में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज के दिन किसी ब्राहमण को आदर सहित घर पर आमंत्रित कर और उन्हें अच्छे से भोजन कराने का संकल्प लें और जब लॉकडाउन की परिस्थिति समाप्त हो जाए तब ब्राहमण को भोजन अवश्य कराएं। साथ ही अपनी इच्छानुसार कुछ दक्षिणा भी दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। इस कृत्य के पहले इस ऋचा का 11 बार जाप जरूर करें- भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
    • अगर आप अपने से ज्यादा दूसरे व्यक्ति पर जल्दी विश्वास कर लेते हैं और उनके बहकावे में आकर अपना ही बिजनेस बिगाड़ लेते हैं, तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए आज के दिन इंद्र देव की इस ऋचा का पाठ करें - भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।


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